इश्क़ को वहशत नहीं बनने देते

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हम कभी इश्क़ को वहशत नहीं बनने देते दिल की तहज़ीब को तोहमत नहीं बनने देते लब ही लब है तो कभी और कभी चश्म ही चश्म नक़्श तेरे तिरी सूरत ...

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